LITTLE KNOWN FACTS ABOUT सफलता के लिए क्या करें.

Little Known Facts About सफलता के लिए क्या करें.

Little Known Facts About सफलता के लिए क्या करें.

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उल्लू बोला – नहीं मित्र हंसिनी तुम्हारी ही पत्नी है और तुम्हारी ही रहेगी। 

शिष्य द्वारा इस सवाल के किये जाने पर गुरूजी निराश हो गए और दुखी मन से शिष्य को कहा – शिष्य, मुझे तुमसे ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी, तुम्हें मेरे साथ रहते हुए बहुत समय हो गया है, परन्तु अभी भी तुम ज्ञान की पहली सीढ़ी ही नहीं चढ़ पाए हो, अभी भी वहीँ पर अटके हुए हो। 

And what was more stunning is always that one particular Mate advised me she had a timeshare in Paris that Expense only $120 each week and was available on my birthday. Oh, and it was three miles through the Eiffel Tower! As my spouse searched for flights he learned that we had 50,000 skymiles we didn’t know we experienced (3 youthful young children, we hadn’t flown anywhere in decades). The grandparents agreed to take the youngsters, who experienced in no way been clear of us right away. For my 40th birthday, I ran three miles to the Eiffel Tower and back again to our condo.”

जहाँ गाँधी जी रहते थे वही उनके पड़ोस में एक सफाईकर्मी भी रहता था.

पंचतंत्र की कहानी: प्यासा कौवा

char dost aur shikari Panchtantra ki kahani in Hindi, 4 pals and hunter

जैसे ही गाँधी जी ने उसे मिठाई दी वह गाँधी जी से दूर हटते हुए बोला कि ” मैं अछूत हूँ इसलिए मुझे मत छुएं ”. गाँधी जी को यह बात बुरी लगी और उन्होंने उस सफाई वाले का हाथ पकड़कर मिठाई पकड़ा दी और उससे बोले कि ” हम सब इंसान है, छूत – अछूत कुछ भी नहीं होता.

तभी एक व्यक्ति उस सड़क से गुजरते हुए वृद्धा के पास से निकला, वृद्धा ने उस व्यक्ति को आवाज लगायी और अपने बोझा को उठाने के लिए उस व्यक्ति से मदद की याचना की (मदद मांगी) उस व्यक्ति के चेहरे पर अजीब से भाव उभरे,

पंचतंत्र की कहानी: संगत का प्रभाव – sangati ka asar – Youngsters stories

बेचारे व्यक्ति को एक फूटी कौड़ी नसीब नहीं हुई वह जोर-जोर से रोता व सर को पटकता हुआ घर की तरफ वापस लौटा – उसने समय की कीमत को नहीं समझा इसलिए उसे पछताना पड़ा 

दोस्तों “आम का मोह” कहानी का तात्पर्य या प्रेरणा, सन्देश यह get more info है कि जरुरत से ज्यादा मोह आपको व्यर्थ बना सकता है, वो कहते हैं ना कि कही पहुंचे के लिए कही से निकलना बहुत जरुरी होता है।

“Once i was forty yrs previous, my wife died of a unusual liver disease. She was 34. At enough time, we had a 10-12 months-previous daughter and I used to be the co-proprietor of the silkscreen organization in San Francisco. Soon after her death, I noticed there was anything even larger I required to do in my daily life, but experienced no idea what. So, I offered my half from the business to my lover and waited for steering to find out what to try and do subsequent. My wife experienced a fantastic sense of humor and, Despite the fact that there have been plenty of tears through the a few many years of her terminal ailment, there was plenty of laughter.

पंचतंत्र की कहानी: एक और एक ग्यारह – ek aur ek gyarah

उसने गुरूजी से कहा – गुरूजी, मै इतने समय से आपसे ज्ञान अर्जित कर रहा हूँ आपके साथ रहकर कितना कुछ ज्ञान की बातें सीखा है मैने फिर भी आप मेरे सवालों का ऐसा उत्तर दे रहे हैं, आपके इस उत्तर ने मुझे अत्यंत दुःख पहुंचाया है।

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